पिता ने अपनी ही बेटी की करवा दी हत्या
बेटी पर युवक से प्रेम प्रसंग का था शक, इसलिए पिता ने चचेरे भाई से करवा दी हत्या
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - बेटी पर किसी युवक से प्रेम प्रसंग का पिता को शक था। उसे लगा कि यदि वह युवक के साथ चली गई तो बदनामी होगी, इसलिए पिता ने चचेरे भाई के साथ मिलकर बेटी की हत्या की साजिश रच डाली। चचेरे भाई ने दोस्त के साथ मिलकर भतीजी की गला रेत कर हत्या कर दी। मारने से पहले उसे कीटनाशक पिलाकर घटनास्थल तक ले जाया गया। पहचान छिपाने के लिए चेहरा भी कुचल दिया गया। तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पाटीदार टीम द्वारा जांच की गई व पर्दाफाश शनिवार को पत्रकार वार्ता में एसपी आदित्यप्रताप सिंह ने किया।
एसपी सिंह ने बताया कि रोशनी (19) पिता ईश्वर निवासी सिलोटिया का शव सात फरवरी को मांडू-नालछा के बीच सातघाट स्थित सूखी नदी में मिला था। शिनाख्त नहीं हो सकी थी। जांच में पता चला कि ईश्वर पिता तोलाराम और उसके चचेरे भाई मुकेश नंदराम पटेल को शक था कि रोशनी किसी युवक से प्रेम करती है।
यदि वह उस युवक के साथ घर छोड़ कर चली गई तो परिवार की बदनामी होगी। इस पर मुकेश और ईश्वर ने रोशनी हत्या की साजिश रची। 6 फरवरी को मुकेश ने दोस्त ऋषभ से कार मांगी। बाद में मुकेश और उसका अन्य दोस्त पृथ्वीराज पिता थावरसिंह पटेल निवासी सोड़पुर कार से रोशनी के नालछा स्थित स्कूल पहुंचे।
वहां से रोशनी और उसकी सहेली पिंकी को घुमाने के बहाने मांडू ले गए। बाद में पिंकी को सोड़पुर में उतार दिया और रोशनी को घर ले जाने के बहाने लुन्हेरा-बगड़ी फाटे ले गए। रास्ते में दोनों ने उसे कीटनाशक पिलाकर उसके हाथ-पैर बांधकर डिक्की में डाल दिया। कार में डीजल डलवाने सिलोटिया गांव गए।
वहां ईश्वर से ही डीजल भरवाने के लिए एक हजार रुपए लिए। बगड़ी फाटे स्थित पेट्रोल पंप पर डीजल लेने से पहले ही उन्हें शक हुआ कि उन्हें देख लिया गया है। इस पर वे वहां से बिना डीजल लिए ही आगे बढ़ गए। बाद में रणगांव के पास पुलिया के नीचे मुकेश ने गुप्ती से रोशनी का गला काट दिया। पृथ्वीराज ने उसका चेहरा कुचल दिया, ताकि कोई पहचान न सके। बाद में मुकेश ने फोन से भाई ईश्वर को जानकारी दी कि काम हो गया है।
कार से ट्रेस हुए... जंगल से पकड़ा
एसपी ने बताया कि पेट्रोल पंप से संदिग्ध कार को ट्रेस किया। कार की जानकारी निकालने पर पुलिस ऋषभ तक पहुंची। पूछताछ में उसने बताया कि मुकेश और पृथ्वीराज कार ले गए थे। इस पर 14 फरवरी को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इससे एक दिन पहले पुलिस के हाथ हत्याकांड का सुराग लग चुका था, इसलिए ईश्वर और उसकी पत्नी को पुलिस ने पहले ही हिरासत में ले लिया था।
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