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Saturday 14 December 2019

इंसान को भगवान का दर्जा मत दीजिए क्योंकि भगवान सिर्फ एक ही होता है- जया किशोरी जी

इंसान को भगवान का दर्जा मत दीजिए क्योंकि भगवान सिर्फ एक ही होता है- जया किशोरी जी

भागवत कथा का दूसरा दिन, शिव विवाह प्रसंग में जमकर थिरके श्रद्धालु


संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार समाचार पत्र 
           धार - ( नितिनसिंह परिहार ) कलम खेड़ी के निकुंभ परिवार द्वारा धार में करवाई जा रही भागवत कथा का शनिवार को दूसरा दिन था। दूसरे दिन की कथा की शुरुआत दोपहर 1 बजे भागवत कथा वक्ता जया किशोरी जी ने  व्यासपीठ पूजन से की। व्यासपीठ पूजन के बाद निकुंभ परिवार के सदस्यों द्वारा भागवत आरती की गई। भागवत कथा का दूसरा दिन आज शिव विवाह के नाम रहा। शिव विवाह प्रसंग के पूर्व जया किशोरी जी ने भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन उनकी विशेषताओं के साथ किया।
              अपने वक्तव्य में उन्होंने यह भी बताया कि प्राचीन काल में वर्तमान काल के लोगों की बातों में क्या फर्क था। प्राचीन काल में लोग कम बोलते थे इसलिए उनकी हर बात सच होती थी। वर्तमान में लोग बहुत अधिक बोलते हैं इसलिए उनकी बातें सच नहीं हो पाती। कलयुग में धर्म केवल दान से ही हो सकता है। उन्होंने कहा कि देश की खासियत है कि यहां कई प्रकार के फूल है जो एक साथ एक ही बगिया में रहते हैं लेकिन कुछ लोग कोशिश करते हैं किन फूलों को अलग कर दिया जाए। राजनीति को लेकर भी उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत में राजनीति ही की थी, लेकिन वो राजनीति धर्म को बचाने के लिए थी।  वर्तमान की राजनीति ठीक इसके विपरीत हो चुकी है।
शिव बारात में जमकर थिरके श्रोता
                 जया किशोरी जी की भागवत कथा का दूसरा दिन आज शिव विवाह प्रसंग के नाम रहा। अपनी मधुर वाणी व खूबसूरत अंदाज के साथ जया किशोरी जी ने शिव विवाह के प्रसंग को जब श्रोताओं को सुनाया तो पांडाल में उपस्थित श्रोताओं के पैर अपने आप ही थिरकने  लगे। प्रसंग में शिव बारात के दौरान पंडाल में श्रोताओं ने जमकर नृत्य किया।
    कुछ समय के लिए पूरा माहौल शिवमय हो गया। शिव विवाह प्रसंग के समापन के साथ ही द्वितीय दिन की भागवत कथा का भी समापन हुआ। समापन के बाद पुन: भागवत की आरती निकुंभ परिवार के सदस्यों व गणमान्य नागरिकों ने की। रविवार को भागवत कथा का तीसरा दिन है। भगवान विश्णु के नरसिंह अवतार व प्रहलाद की कथा का विशेष रूप से कपासन विशेष रहेगा।  कथा का समय 11 की बजाय 12 से चार रहेगा।
चोले से नहीं हो जाता कोई संत  -जया किशोरी जी
            भागवत कथा के दूसरे दिन जया किशोरी जी ने भागवत प्रसंग के दरमियान वर्तमान ने संत की परिभाषा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सिर्फ साधु संत का चोला धारण करने से ही कोई संत नहीं हो जाता। वतर्मान में सादे कपड़े धारण किया वह इंसान भी एक संत के समान होता है जो सिद्धांत पर चलता है, लेकिन आज मानव भटक रहा है। वतर्मान में हम चमत्कार को नमस्कार करते है। यही से गलत की शुरुआत होती है। यदि कुछ संत गलत कर देते है तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि हर संत गलत है। उन्होंने कहा कि असल संत या गुरु वही होता है जो अपने शिष्यों, भक्तों को भगवान से जोड़ता है ना कि खुद से। उन्होंने कहा कि आप जिस व्यक्ति विशेष को गुरु को मानते हैं उन्हें कभी भगवान का दर्जा मत दीजिए क्योंकि भगवान सिर्फ एक ही होता है। भगवान भगवान होता है और इंसान इंसान। हमारे ऋषि-मुनियों द्वारा लिखे गए प्राचीन ग्रंथ गीता पुराण वेद उपनिषद हमें भगवान से सीधे जोड़ने के लिए ही है। इन ग्रंथों का अध्ययन कर हम स्वयं उस मार्ग की ओर सहज रूप से जा सकते है।

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