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Saturday 2 November 2019

अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन नागदा में संम्पन

अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन नागदा में संम्पन 

 मुख्य अतिथि के तौर पर पुलिस अधिक्षक धार आदित्यप्रतापसिंह सहित अनेक अधिकारी रहे मौजूद 

संजय शर्मा संपादक 
हैलो -धार पत्रिका 
          नागदा - (अनवर मंसुरी), जनता के प्रति पुलिस की जवाबदेही ही अच्छे समाज का निर्माण करती है। पुलिस और आमजन के बीच संवाद ही कई समस्याओं का समाधान है। पुलिस कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो गया है। किन्तु जनता के प्रति उसका विष्वास ही संजीवनी होता है। जिले में बेहतर पुलिस व्यवस्था हमारी पहली प्राथमिकता है। मेरा सम्मान आमजन और पुलिस दोनो के लिए किये गए कार्य का आशीर्वाद और प्रतिफल है। यह सम्मान मुझे और भी बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। 
                  उक्त बाते म.प्र. स्थापना दिवस पर शुक्रवार रात्री नीम चौक नागदा पर आयोजित अखिल भारतीय विराट कवि सम्मेलन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधिक्षक धार आदित्यप्रतापसिंह ने शाही सवारी मित्र मण्डल व बाबा रामदेव युवा संगठन द्वारा मंच से किये गए वीरता गौरव सम्मान पर कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुविभागीय अधिकारी बदनावर सुश्री नेहा साहु, विशेष अतिथि तहसीलदार बदनावर योगेन्द्र मोर्य, एसडीओपी जयंतसिंह राठौर, नायब तहसीलदार मनीष जैन, रवि शर्मा, धार जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष पं. छोटु शास्त्री, थाना प्रभारी कानवन कमलसिंह गेहलोत, पूर्व सरपंच सुनिल साँखला, आजाद चौहान, डाॅ. आर.के. चतुर्वेदी, मांगीलाल राठौर, संतोष मेहता, विजेन्द्रसिंह बना मंचासीन थे। 
                     अतिथियों द्वारा माँ शारदेय के चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण किया। खुषी भाटी, जेकलीन देवड़ा, आकृति देवड़ा द्वारा म.प्र. गान के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की। अतिथियों का स्वागत शाही सवारी मित्र मण्डल के राहुल साँखला, अमित चौहान व सदस्यों के साथ ही बाबा रामदेव युवा संगठन सदस्यों ने किया व पुलिस अधिक्षक को वीरता गौव सम्मान से सम्मानित किया। वहीं मंचासीन सभी कवियों को साहित्य सारथी सम्मान व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। 
                पं. छोटु शास्त्री ने आयोजन के माध्यम से पुलिस के आला अधिकारी के सम्मान के प्रति कहा कि अच्छे आयोजन में सम्मान कर जो परम्परा युवाओं ने की है यह अच्छी सोच है व पुलिस अधिक्षक की जिस निडरता से कार्य के प्रति अपनी शैली है। वह घटनाओं के प्रति अंकुष है। सुनिल साँखला ने पुलिस चैकी व भोपावल्ली मजरा की समस्या की ओर अधिकारियों का ध्यान आकर्षण कराया। कवि सम्मेलन की शुरूआत भोपाल से आई कवयित्री साबिहा असर ने माँ शब्दों का गुलदस्ता लेके कविता कलश  उठाउंगी, मेरे साथ विराजो माता गीत मैं तेरे गाउंगी पंक्तियों से की। प्रवीण अत्रै हास्य रतलाम ने सिंहो के इस देष में कोई विवेकानन्द बनने वाला नहीं मिला से युवाओं के बीच जोष पैदा कर हास्य के माध्यम से पाकिस्तान पर तंज कसते हुए अपनी काव्य शैलियों से तालियाँ लूटी। रामू हठीला मन्दसौर ने अपने हास्य के अंदाज में खुब वाहवाही लूटी। लाॅफ्टर किंग मुम्बई हिमांषु बवंडर ने मेरे दिल को तु किस घड़ी अच्छी नहीं लगी, पर हर बार मौसम की झड़ी अच्छी नहीं लगती पंक्तियों से काव्यपाठ की शुरूआत कर हास्य के हर कौने से श्रोता को गुदगुदाते हुए अपने व्यंग्य की हास्य शैली से युवाओं व समाज को दिषा देते हुए कुत्ता आदमी के साथ रहकर आदमी हो गया से अपने व्यंग्य को रखा। व्यंग्य भरे मधुर गीत के माध्यम से संस्कारों पर तीखा व्यंग्य करते हुए अनेक मार्मिक विषयों पर हृदयचेतना को छूने वाला काव्यपाठ कर सबसे अधिक वाहवाही लूटी। पेरोडी गीत के सशक्त हस्ताक्षर लोकेश महाकाली नाथद्वारा ने शेरो ने पागल कुत्ते को घर में घुसकर मारा है, चिथड़ी-चिथड़ी कर डाली आतंक की गीत से देषभक्ति को रखा। अभी नहीं तो कभी नहीं आंसू बदले अंगारों में, लम्बा हूँ मैं छः फुट नार, पल्ले पड़ गई छोटी नार, मैं जन-गण-मन पर लहराया, लाल कीले की प्राचीर पर फहराया, एवरेस्ट की चोटी चढ़, फुल उठता हुँ, मेरा सीना तनके शहीदों का कफन बनता हुँ, जोषीले व व्यंग्य गीतों से सभी के दिलों को छुआ। कवयित्री साबिहा असर भोपाल संचालन कर रहे हास्य कवि डाॅ. लोकेश  जड़िया धार के साथ नोक-झोंक ने सभी को हंसी के ठहाको पर मजबुर कर दिया। 
                हर गीत नहीं होता गुनगुनाने के लिए, हर फुल नहीं खुष्बु के लिए, आज तेरे शहर में नहीं तो क्या, कल पुरानी सी बनकर चली आउंगी, तु अगर प्यार से मुझसे मिलता रहा, कल दिवानी बनकर चली आउंगी, मदीना मुदत्तों ठहरे शिवालय भी देखा, अंधेरों से भी गुजरे उजाला हमने भी देखा, किसी भुखे को एक भी रोटी नहीं मिलती, किसी के मुँह में सोने का निवाला देखा जैसी शायरी व गीत गजलों से खुब दाद लूटी।
                  डाॅ. लोकेश  जड़िया धार ने जिसकी मस्ती जिन्दा है उसकी हस्ती जिन्दा है, वरना तो उसकी जिन्दगी जबरदस्ती जिन्दा है से सफल संचालन कर खुब वाहवाही लूटी। वीर रस के कवि डाॅ. शम्भुसिंह मनहर खरगोन ने हमारे देष की मिट्टी चंदन से भी पावन है, मनुज तो छोड़े यह देव दर्षन से भी पावन हैं, हिन्दी-चिनी भाई-भाई कहकर छुरा पीठ में घोपे, चिनी को चिनी जैसा घोल के पीना सीख गए हम अपनी वीर शैली के माध्यम से देष, समाज हित में युवाओं का ध्यान केन्द्रित किया। देर रात्री तक हजारों काव्य प्रेमियों ने कवि सम्मेलन का आनन्द लिया। कार्यक्रम का संचालन अनवर मंसुरी ने किया व आभार राहुल साँखला ने माना। 

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