मौलिक अधिकारों का उदगम स्थल मौलिक कर्तव्य है यदि हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो अधिकार हमसे दूर नही जाएंगे - माननीय न्यायाधीश श्री यादव
संविधान दिवस पर नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों पर व्याख्यान आयोजित
संजय शर्मा संपादक
हैलो -धार पत्रिका
धार - दिनांक 26 नवंबर को भारतीय संविधान को प्रत्येक नागरिक के द्वारा आत्मार्पित किया गया है। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय प्रदीप कुमार व्यास के मार्ग-दर्शन में एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धार के तत्वाधान में 70 वें संविधान दिवस पर नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों पर व्याख्यान आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माननीय श्री हरिशरण यादव विशेष न्यायाधीश , विशेष अतिथि हितेष ठाकुर अध्यक्ष अधिवक्ता संघ, अध्यक्षता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजाराम बड़ोदिया , डॉ दीपेन्द्र शर्मा सदस्य उपभोक्ता फोरम धार, श्रीवल्लभ विजयवर्गीय वरिष्ठ अधिवक्ता , संतोष जाट सचिव अधिवक्ता संघ ,विधिक सेवा प्राधिकरण जिला अधिकारी श्रीमती रेखा द्विवेदी , श्रीमती एकता शर्मा अधिवक्ता,मंचासीन थे।
सर्व प्रथम अतिथि द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत उद्बोधन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राजाराम बड़ोदिया ने भारतीय संविधान पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत रूप से संविधान के बारे में बताया ।
व्याख्यान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विशेष न्यायाधीश श्री हरिशरण यादव ने अपने उद्बोधन में कहा की मौलिक अधिकारों का उदगम स्थल मौलिक कर्तव्य है यदि हम अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो अधिकार हमसे दूर नही जाएंगे। किसी भी राष्ट्र का निर्माण उसके नागरिक ही करते है। यदि नागरिक राष्ट्र के विकास के लिए प्रयत्नशील नहीं हैं तो राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता है। राष्ट्र को नित-नूतन शिखर पर लेकर जाने का उत्तरदायित्व उसके नागरिकों का है। हमारा भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक कों जनतांत्रिक व्यवस्था, न्याय एवं सर्वागिंण विकास का अधिकार प्रदान करता है।
अन्य अतिथियों ने भी संविधान दिवस पर अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर न्यायाधीश गण , अधिवक्ता संघ सदस्य सहित पैरालीगल वालेंटियर्स उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन विधिक सेवा प्राधिकरण जिला अधिकारी श्रीमती रेखा द्विवेदी व आभार अधिवक्ता संघ सचिव संतोष जाट ने माना।
No comments:
Post a Comment