कमलनाथ सरकार में कोटे के मंत्रियों को नहीं मालूम कि वे कब तक टिकेंगे - नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश में कांग्रेस सरकार के छह महीने में हर मोर्चे पर विफल कमलनाथ सरकार
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
भोपाल - प्रदेश में कांग्रेस सरकार के छह महीने पूरे होने पर पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कमलनाथ 'कोटे' के मंत्रियों के भरोसे चल रही है। इन कोटे के मंत्रियों को ये नहीं मालूम कि वे कब तक टिकेंगे। आज रोजगार, कर्जमाफी और स्थानांतरण जैसे मुद्दों पर राज्य की कमलनाथ सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है।
भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नरोत्तम ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री पूरे प्रदेश में पत्रकार वार्ता कर रहे हैं। लेकिन, वास्तव में छह महीने में जनता को छठई का दूध याद आ गया है। बिजली, पानी की समस्या चरम पर है। मध्यप्रदेश में कुछ भी घटना हो जाए। चाहे बालात्कार हो या कुछ और कांग्रेस के नेता और मंत्री भाजपा पर इसका इल्जाम लगा देते हैं।
तीन नेताओं का कोटा
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तीन बड़े नेताओ के सरकार में 'कोटे' से मंत्री बने हैं। 'कोटा तंत्र' के मंत्रियों को ये नहीं मालूम कि वे कब तक टिकेंगे। पता चला है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। उसमें दो बड़े नेताओं के कोटे के दो-दो मंत्रियों को हटाने की बात कही गई है। अब कोटे के ये मंत्री चक्कर में पड़ गए हैं कि कहीं उन्हें हटा नहीं दिया जाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्जमाफी का झूठा वादा किया और बेरोजगारों से भत्ते के नाम पर सरकार ने धोखा किया है। राज्य में बिजली का संकट लौट आया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन में प्रदेश में बिजली के तारों पर कपड़े सूखते मिलेंगे। पूरा प्रशासन तंत्र विफल साबित हुआ है। राज्य में ट्रांसफर उद्योग जोरों पर है और अधिकारियों एवं मंत्रियों को भी नहीं मालूम कि वे कब तक अपने स्थान पर टिक पाएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हर चीज का इल्जाम भारतीय जनता पार्टी पर लगा रही है और कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। भाजपा की प्रदेश इकाई में बड़े नेताओं के अलग-अलग स्थानों पर शक्ति प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे जहां जिम्मेदारी देती है, वो वहां जाता है।
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