HelloDharNews

HelloDharNews Hindi news Website, Daily Public News, political, crime,filmy, Media News,Helth News

Breaking

Sunday 26 May 2019

लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा को मिले 58 और कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत मत

लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा को मिले 58 और कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत मत

विधानसभा चुनाव में भाजपा को 41 प्रतिशत के साथ एक करोड़ 56 लाख वोट मिले थे
कांग्रेस को 40.90 प्रतिशत के साथ एक करोड़ 55 लाख वोट हासिल हुए थे
संजय शर्मा 
हैलो -धार पत्रिका 
             भोपाल -  लोकसभा की 29 सीटों में से 28 पर ऐतिहासिक विजय हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 58 फीसदी वोट हासिल कर एक कीर्तिमान दर्ज किया। वहीं, करारी शिकस्त का सामना करने वाली कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत मतदाताओं ने ही समर्थन दिया।
               लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में चार चरणों में हुए मतदान में पांच करोड़ से अधिक मतदाताओं में से तीन करोड़ 65 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जो लगभग 71 प्रतिशत है। इनमें से दो करोड़ 14 लाख से अधिक वोट (58 प्रतिशत) भाजपा के खाते में गए। कांग्रेस को लगभग एक करोड़ 27 लाख (34.50 प्रतिशत) वोट मिले। 
             छह महीने में बदला गणित: एक रोचक तथ्य यह भी है कि छह माह पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मतों का अंतर काफी कम था। भाजपा को 41 प्रतिशत के साथ एक करोड़ 56 लाख वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 40.90 प्रतिशत के साथ एक करोड़ 55  लाख से कुछ अधिक वोट हासिल हुए थे। भाजपा को अधिक मत मिलने के बावजूद 230 विधानसभा में से 109 सीट मिलीं और कांग्रेस को 114 सीट। इस तरह कांग्रेस बहुमत के करीब थी और उसने बसपा, सपा और चार निर्दलीय समेत कुल सात विधायकों के समर्थन से सरकार बना ली। 
             मोदी लहर में पिछड़ी कांग्रेस: लोकसभा चुनाव नतीजों के विश्लेषण से एक बात यह भी उभरकर सामने आती है कि मोदी लहर के कारण सत्तारूढ़ दल कांग्रेस 29 लोकसभा सीटों के तहत आने वाले 230 विधानसभा क्षेत्रों में से लगभग 210 क्षेत्रों में काफी पिछड़ गई। वह मात्र लगभग 20 विधानसभा सीटों में ही बढ़त बनाने में सफल रही। जबकि छह माह पहले उसने 114 विधानसभा सीटों पर विजय हासिल की थी। 
                    23 फीसदी से अधिक: भाजपा ने वर्तमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तुलना में 23 फीसदी से अधिक मत हासिल किए। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 2.38 फीसदी वोट मिले हैं। अन्य के खाते में 3.65 प्रतिशत वोट गए। वहीं नोटा, यानी 'इनमें से कोई नहीं' के विकल्प को 0.92 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनाते हुए नोटा के बटन को दबाया। समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यू) को एक प्रतिशत से भी कम वोट पर संतोष करना पड़ा।
          सबसे बड़ी जीत: राज्य में सबसे अधिक मतों के अंतर से होशंगाबाद से भाजपा प्रत्याशी उदयप्रताप सिंह ने विजय हासिल की। सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह को पांच लाख 53 हजार छह सौ 82 मतों से पराजित किया। राज्य में सबसे कम मतों के अंतर से जीतने वाले कांग्रेस के नकुलनाथ हैं। वे कांग्रेस के परंपरागत गढ़ छिंदवाड़ा में मात्र 37 हजार पांच सौ 36 मतों के अंतर से पार्टी की सीट बचाने में सफल रहे। इस सीट 2014 में उनके पिता कमलनाथ एक लाख सोलह हजार से अधिक मतों से जीते थे। 
             दिग्गज हारे: राज्य में मोदी की आंधी के चलते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांतिलाल भूरिया, अजय सिंह, मीनाक्षी नटराजन, अरुण यादव और विवेक तन्खा जैसे दिग्गज पराजित हो गए। अधिकांश भाजपा प्रत्याशी एक लाख से लेकर पांच लाख मतों के अंतर से जीतने में सफल रहे। 
                       2014 में कांग्रेस जीती थी 2 सीट: भाजपा ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल कर 29 में से 27 सीटों पर कब्जा जमाया था। पिछली बार की तुलना में भाजपा एक सीट अधिक हासिल करने में सफल रही। उस समय कांग्रेस को लगभग 35 फीसदी वोट मिले थे और उसे दो सीटों एवं अपने गढ़ छिंदवाड़ा और गुना में विजय नसीब हुई थी। 
                   कांग्रेस समझ नहीं पाई: राजनीतिक विश्लेषक गिरिजाशंकर बताते हैं कि निश्चित तौर पर मौजूदा विजय भाजपा को मोदी लहर के कारण मिली। उनका यह भी मानना है कि इस बार की मोदी लहर को अधिकांश लोग भांप नहीं पाए। इनमें सिर्फ कांग्रेस ही नहीं भाजपा के नेता और तथाकथित राजनीतिक पंडित भी शामिल हैं।

No comments:

Post a Comment