मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ और करीबियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई, 50 ठिकानों पर छापेमारी,अब तक करीब 16 करोड़ रुपए मिलने की बात सामने आई
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
मध्यप्रदेश के भोपाल-इंदौर, गोवा और दिल्ली में एक साथ दिल्ली के अफसरों ने ली तलाशी
आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश के अफसरों को कार्रवाई से दूर रखा, पहली बार सीआरपीएफ की मदद ली गई
मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के इंदौर-भोपाल स्थित ठिकानों पर कार्रवाई
भोपाल में प्रतीक जोशी के आवास से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त हुई
भोपाल/इंदौर. आयकर विभाग ने रविवार को मध्यप्रदेश, दिल्ली और गोवा के 50 ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में 500 आयकर अफसर शामिल हैं। इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़, भांजे रातुल पुरी, सलाहकार आरके मिगलानी और प्रतीक जोशी के घर की तलाशी ली गई। अब तक करीब 16 करोड़ रुपए मिलने की बात सामने आई है।
आयकर सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ठोस इनपुट के बाद मध्यप्रदेश के भोपाल-इंदौर, गोवा और दिल्ली में एक साथ देर रात 3 बजे कार्रवाई शुरू की गई। अमिता ग्रुप और मोजर बियर के दफ्तर भी खंगाले गए।
पहली बार सीआरपीएफ की मदद ली गई
आयकर सूत्रों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के आयकर अफसरों को कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई थी। दिल्ली की टीम ने मध्यप्रदेश पुलिस की भी मदद नहीं ली। पहली बार सीआरपीएफ को छापेमारी की कार्रवाई में शामिल किया गया।
प्रतीक और अश्विन, कक्कड़ के करीबी
भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा की छठी मंजिल पर प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा का आवास है। दोनों ही प्रवीण कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं। यहीं पर दोनों के ऑफिस भी हैं। कक्कड़ जब भी भोपाल में रहते दोनों से मिलने जरूर आते थे। प्रतीक के घर से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई।
इंदौर में कई ठिकाने खंगाले गए
आयकर के 15 अफसरों की टीम देर रात इंदौर में स्कीम नंबर 74 स्थित कक्कड़ के आवास पर पहुंची। यहां विजय नगर स्थित शोरूम, बीएमसी हाइट्स स्थित ऑफिस, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन, भोपाल स्थित घर श्यामला हिल्स, प्लेटिनम प्लाजा कॉलोनी समेत अन्य स्थानों पर भी जांच की जा रही है।
कौन हैं प्रवीण कक्कड़?
प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। 2004 में नौकरी छोड़कर वे कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने। दिसंबर 2018 में कमलनाथ के ओएसडी बन गए थे। बताया जा रहा है कि नौकरी में रहते हुए उनके खिलाफ कई मामले सामने आए, जिनकी जांच चल रही है।
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