भ्रुण हत्या समाज पर कलंक, नारी जीवन सृजन का आधार है - विष्णोई
श्रेष्ठ नारी सम्मान से और अच्छा कार्य करने की इच्छाषक्ति कोे मिलेगा बल
नारी सम्मान
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
धार -हमारा चिंतन नारी को सदैव पूजनीय मानता है। महिलाओं की दशा दिशा में परिवर्तन आया है। बदलती भूमिका में नारी विविध क्षेत्रों में रोल माॅडल का कार्य कर रही है। आजकल महिलाएं परिवार समाज और देश का नेतृत्व कर रही है। नारी त्याग और आत्मबल के दम पर विष्वास जीतती है। नारी की जिम्मेदारी दोहरी है, वह दो परिवारों का ध्यान रखती है। ये विचार भोज शोध संस्थान के श्रेष्ठ नारी सम्मान अलंकरण समारोह में जिला महिला एवं बालविकास अधिकारी बी एल विष्णोई ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि भोज शोध संस्थान का नारी सम्मान समारोह अनुकरणीय है। सम्मान से महिलाओं को और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। नारी को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिये। नारी सबका ध्यान रखती है अपना नहीं। पिता बेटी का तो माॅ बेटे का रोल माॅडल होती है। नाारी जीवन सृजन का आधार होती है। भ्रुण हत्या समाज के लिए कलंक है इसमें नारी की सहमति निराषाजनक है। वर्तमान समय में नारी एनीमिया, कैंसर, कुपोषण, तनाव, रक्तचाप जैसी बिमारियों से ग्रसित है। षासन की अनेक योजनाएं महिलाओं के हित में है, उनका उन्हें आगे आकर लाभ उठाना चाहिये। सम्मान समारोह की विषेष अतिथि महिला विभाग की सलाहकार श्रीमती ज्योति पाल थी।
श्रीमती पाल ने अपने काव्यात्मक उद्बोधन में सभी सम्मानित महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए वर्तमान समय सहयोगी है। महिलाओं को अपनी कार्यक्षमता के अनुरुप कार्य करना चाहिये। श्रीमती पाल ने महिला दिवस का इतिहास बताते हुए आज के संदर्भो में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
श्रेष्ठ नारी अलंकरण - अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस परिपेक्ष्य में सामाजिक आधार पर चयनित छः महिलाओं का सम्मान किया गया। 9वी बटालियन की जिले की पहली महिला एनसीसी आफिसर श्रीमती शालिनी, कुपोषण के खिलाफ सुनियोजित जंग लड़ने वाली श्रीमती अधरा जोषी, प्राणीमात्र की सेवा को जीवन ध्येय बनाने वाली श्रीमती ललिता चैहान, - विधिक साक्षरता की न्यायदूत और सेवासेतू श्रीमती रेखा द्विवेदी वर्मा, साहस से किया लूटेरों का मुकाबला करने वाली 65 वर्षीय श्रीमती षालिनी पाठक तथा महिला उद्यमिता और नवाचार से ग्रामीणों को रोजगार दिलाने वाली श्रीमती ष्वेता मोहिते श्रेष्ठ नारी अलंकरण से सम्मान किया गया। सम्मानितों नारियों ने अपनी सफल जीवन की संघर्ष गाथा का उल्लेखकर तालियाॅ पाई। सम्मान से और अच्छा कार्य करने की इच्छाषक्ति कोे बल मिलेने की बात कही। अपनी सफलता के अपने सपनों, अपने परिजनों और माता पिता का स्मरण किया। महिलाओं ने कहा कि वे अपने लक्ष्यों के लिए लगातार और बेहतर कार्य करने अपना, परिवार का नाम रोशन करेगी। सम्मान से उन्हें और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिली है।
सम्मान सम्मान में प्रतीक चिन्ह, षाल, श्रीफल, संस्थान साहित्य और समाचारपत्र प्रति भेंट की गई। सभी सम्मानितों को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान किया। सभी ने गरिमामय सम्मान के लिए भोज षोध संस्थान का आभार व्यक्त किया। सम्मानितों का परिचय वर्णन सुश्री सलोनी राठौर, श्री महेष वरिष्ठ कहानीकार महेष षर्मा और श्रीमती अनिता शर्मा ने प्रस्तुत किया। सदन में बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य नागरिकों ने तालियाॅ बजाकर अपनी ओर से भी सम्मान प्रकट किया। हाल आंमत्रितों से खचाखच भरा था। महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिती उल्लेखनीय रही।
संचालन सम्मान समारोह का कविताओं और मुक्तकों से प्रभावी संचालन श्रीमती सीमा मिश्रा असीम ने किया। आरंभ में अतिथियों ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और सम्मुख दीप प्रज्जवलन करके आयोजन का आरंभ किया। सरस्वती वंदना का सस्वर लोकगायक जगदीष बोरियाला ने किया। स्वागत भाषण संस्थान के निदेशक डाॅ दीपेन्द्र शर्मा ने व्यक्त किया। अपने व्यक्तव्य में उन्हांेने संस्थान की महिलाओं के हित में चलने वाली गतिविधियों से परिचय करवाया। अतिथियों का स्वागत प्रकाष जैन और मनीषा खेड़ेकर ने किया। अतिथि परिचय नवीन भवंर ने दिया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह श्री कृष्ण कुमार दुबे, श्रीमती वैशाली खानविलकर ने भेट किये। आभार वरिष्ठ व्याख्यता श्री श्याम शर्मा ने प्रकट किया। समापन सामूहिक राष्ट्रगान से हुआ। यह जानकारी संस्थान की सुनीता धार्वे ने दी।
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