माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जयस युवाओं ने डिप्टी कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
इस दौरान सम्पूर्ण जिले के जयस पदाधिकारी हुए शामिल
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
धार - जयस आदिवासी युवा शक्ति (जयस) द्वारा धार जिला मुख्यालय पर माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए पन्द्रह लाख आदिवासी परिवार को उनकी जमीन से बेदखल करने वाले आदेश के खिलाफ जयस युवाओं ने डिप्टी कलेक्टर महेश बड़ोले को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, एवं राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन दिया । जिसमें कहा गया कि यह आदेश आदिवासीयो के साथ अन्यायपूर्ण है जिससे पूरे देश के आदिवासीयो में आक्रोश है सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय आदिवासी समाज के सवैधानिक अधिकारों का खुले रूप में उल्लंघन है जबकि पांचवीं छठी अनुसूची के अनुसार जल-जंगल और जमीन पर आदिवासी समाज का पूर्ण अधिकार है । आदिवासी समाज प्रकृति प्रेमी समाज है , और हमेशा प्रकृति का संरक्षण करते आया है सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से आदिवासी समाज मे आक्रोश का माहौल है । ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि अगर इस आदेश पर पुनर्विचार नही किया जाता और इस तरह का आदेश वापस नही लिया जाता तो देश मे अशांति फैलेगी । पूरे देश के आदिवासी सड़को पर उतरेंगे एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे । इस दौरान जयस के प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र कन्नोज ने कहा कि जल जंगल जमीन हमारी माँ है हम उसे संजोकर रखते है । उस से हमारा जीवन चलता है अगर इस तरह का आदेश अमल होता है तो देश मे आदिवासीयो का अस्तित्व खतरे में हो जाएगा ।
इस दौरान म.प्र. जयस प्रवक्ता महेंद्र कन्नौज के साथ आदिवासी छात्र संगठन धार जिलाध्यक्ष मुकाम सिंह अलावा, मनावर जयस अध्यक्ष राजू सोलंकी, जयस नारी शक्ति अंकित अमलियार, सुबित्रा मकवाना, नाजी जिलाध्यक्ष संजय मण्डलोई, लोकेश मुजाल्दा, कमलेश सोलंकी, संतोष सोलंकी, कमल बुंदेला, सतपाल भंवर, आदिवासी छात्र संगठन मनावर अध्यक्ष दिलीप कटारे , सुनील रावत, मुकेश बघेल, महेश डामोर, मड़िया भूरिया, राजू जमरा, दिलीप सोलंकी, मुलेश, अनिल, करण, राकेश,निहालसिंह,समीर,संतोष, आदि सहित धार, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, धामनोद, सरदारपुर, बदनावर, टांडा, धार जिले के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे। उक्त जानकारी जयस जिला मिडिया प्रभारी विज्जू चोपड़ा एवं संजय सिंह मंडलोई ने दी ।
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