धार में आयोजित विषाल निःशुल्क कृत्रिम हाथ शिविर में 355 लोगों का पंजीयन 288 लोगों को कृत्रिम हाथ लगाए गए
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
धार - 24 फरवरी कलेक्टर दीपक सिंह ने रविवार को यहाॅं भोज जिला चिकित्सालय परिसर में जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण तथा रोटरी क्लब आॅफ धार द्वारा रोटरी क्लब आॅफ इन्दौर एल.एन-4 आॅफ फाउण्डेशन यू.एस.ए. के सहयोग से विशाल निःशुल्क कृत्रिम हाथ शिविर का माॅ सरस्वती का पूजन कर विधिवत् शुभारंभ किया। इस विशाल शिविर में 355 व्यक्तियों का पंजीयन किया गया और 288 व्यक्तियों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ लगाए गए। इस विशाल शिविर को सफल बनाने के लिए इन्दौर से 21 डाॅक्टरों की टीम ने अपनी सेवाएं दी। इस शिविर में धार जिले, मध्यप्रदेश सहित 12 अन्य राज्यों के लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
कलेक्टर श्री सिंह ने इस विशाल शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि रोटरी क्लब ने यह प्रयास किया है, वह समाज सेवा में महत्वपूर्ण और सराहनीय है। इस शिविर को सफल बनाने के लिए हमने बैठके आयोजित की गई और इन बैठकों में अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए। इसी का परिणाम है कि इस शिविर में बड़ी तादाद में जिले, प्रदेश तथा प्रदेश के अन्य राज्यों से भी हितग्राही इस शिविर का लाभ लेने के लिए उपस्थित हुए है, यह हम सब के लिए खुशी की बात है। रोटरी क्लब समाज सेवा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन की ओर से ऐसे पुण्य कार्य में मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जाऐंगे। श्री सिंह ने कहा कि धार की तरह अन्य स्थानों पर भी निःशुल्क कृत्रिम हाथ शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को इस तरह के कृत्रिम हाथ लगाकर उन्हें उपयोगी बनाया जा सकंे।
श्री सिंह ने बताया कि एलएल-4 यह कोई जटिल संरचना वाला कृत्रिम उपकरण नही है। यह एक सीधा-साधा कृत्रिम हाथ है। यह हाथ लगाने और निकालने में अत्यन्त सहज और सरल होकर मजबूत, टिकाऊ तथा बहुउपयोगी भी है। ब्रास और स्टेनलेस स्टील के साथ उच्चकोटि के प्लास्टिक मटेरियल के निर्मित इस हाथ पर पानी, धूल-मिट्टी, गर्मी का कोई बुरा प्रभाव नही पड़ता। इसे सादे पानी से साफा किया जा सकता है। यह हाथ अत्यन्त मजबूत है। इसे व्यवस्थित लगाने के बाद इससे लगभग 10 से 12 किलो वनज उठाया जा सकता है। इस हाथ ही 3 उंगलियां स्थायी है, जबकि 2 उंगलियां हिलाई जा सकती है। इस हाथ में एक बटन है, जिसे दबाने पर इन उंगलियों को बंद एवं खोलने का कार्य किया जा सकता है। इकठ्ठी होकर उठाई या थामी हुई वस्तु पर पक्की पकड़ कर सकती है। इस हाथ को लगाने के बाद सायकिल, मोटरसायकिल चलाना, हल्का वनज उठाना जैसे कार्य आसानी से हो सकते है। उपयोग में अत्यन्त सरल इस हाथ का वनज लगभग 400 ग्राम है। यह आवश्यक है कि इस हाथ को बैठाने के लिए जरूरतमंद व्यक्ति की कोहनी के नीचे कम से कम 4 से 5 इंच मूल हाथ का हिस्सा हो। इसके बगैर इसे बैठाया नही जा सकता। साथ ही लगाए हाथ के परिचालन के लिए मांसपेशियों में ताकत भी होना आवश्यक है। इस तरह कोई भी व्यक्ति जो जन्म से, किसी दुर्घटना, बीमारी या किसी भी अन्य कारण से अपना हाथ खो बैठा हो, उसे आप ना सिर्फ एक हाथ बल्कि जीवन भर की मुस्कान भी दे सकते है।
इस शिविर को डा. तरूण मिश्र ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आने वाले वर्ष में कृत्रिम पैर लगाने के लिए इस तरह के शिविर आयोजित किया जावेगा। कृत्रिम हाथ का निर्माण अमेरिका के एलन मीडोज़ प्राॅस्थेटिक हैंड फाउण्डेशन द्वारा किया जाता है। जरूरतमंद लोगों को यह संस्था रोटरी के माध्यम से कृत्रिम हाथ उपलब्ध कराती है। भारत वर्ष में हमारे अन्य मण्डल भी इस कार्य को सफलतापूर्वक कर रहे है। इस अवसर पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्री अनिल तिवारी ने किया तथा रोटरी क्लब के जितेन्द्र आहूजा ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर दिलीप कापसे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. आर.सी. पनिका, उप संचालक सामाजिक न्याय प्रदीप पाल, सेवानिवृत्त उप संचालक सामाजिक न्याय राजेन्द्र तॅवर, सिविल सर्जन डा. बौरासी, प्रोजेक्ट को-आॅडिनेटर रो. तरूण मिश्र सहित चिकित्सकगण, रोटरी क्लब के सदस्यगण, पत्रकारगण तथा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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