बजट 2019 लोकसभा चुनाव से पहले लुभाने की कोशिश 5 लाख रूपए तक कोई टैक्स नहीं किसानों को 500 हर महीने
बजट 2019: बीजेपी को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नुकसान हुआ था. तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिलाकर करीब सवा लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
नई दिल्ली - बजट 2019: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ज्यादा से ज्यादा वर्गों को खुश करने की जोरदार कोशिश के तहत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग, किसानों और मजदूरों के लिए लोक लुभावन घोषणाएं की हैं. प्रस्तावों में सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने और दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को महीने में 500 रुपए यानी साल में 6 हजार रुपए का नकद समर्थन देने की पेशकश की है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हार गई थी बीजेपी
अंतरिम बजट भाषण को कमोबेश पूर्ण बजट में बदलते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने उन वर्गों का खास खयाल रखा है जिनके चलते माना जा रहा था कि बीजेपी को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में, खासकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नुकसान हुआ. किसानों और मध्यम वर्ग के अलावा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए मेगा पेंशन योजना की घोषणा पीयूष गोयल ने की. इन तीन क्षेत्रों के लिए बजट प्रस्तावों में कुल मिलाकर करीब सवा लाख करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसके जरिए लगभग 25 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है.
किसानों के खातों में डाले जाएंगे ₹6,000
सरकार ने बजट में दो हेक्टयेर तक की जोत वाले छोटे किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद समर्थन देने की ‘‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तथा असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये की पेंशन देने के लिये ‘‘प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना’’ शुरू करने का प्रस्ताव किया है. किसानों को सालभर में दो- दो हजार रूपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये उनके खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे. इसके लिए अगले वित्त साल में 75,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. गोयल ने कहा, यह योजना इसी वित्त साल से लागू हो जाएगी और इसके लिए 20,000 करोड़ रूपये को प्रावधान किया गया है.
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₹5 लाख रूपए तक कोई टैक्स नहीं
पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा तबके की मांग को स्वीकार करते हुये पांच लाख रुपये तक की व्यक्तिगत आय को टैक्स मुक्त कर दिया. उन्होंने कहा कि वह टैक्स स्लैब में फिलहाल कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन पांच लाख रुपये तक की आय पर टैक्स से पूरी छूट होगी.
उन्होंने कहा ‘‘यदि आपने कर छूट वाली विभिन्न योजनाओं में निवेश किया है तो साढे़ छह लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा. इसके अलावा यदि आवास रिण लिया गया है तो उसके दो लाख रुपये तक के ब्याज भुगतान पर भी टैक्स छूट उपलब्ध होगी. पेंशन योजना एनपीएस पर पचास हजार रुपये की अतिरिक्त कर छूट है.’’ बजट में मानक कटौती को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है.
अभी क्या है मौजूदा स्लैब. यह भी जानें
मौजूदा कर स्लैब के मुताबिक, ढाई लाख से पांच लाख रुपये तक वार्षिक आय पर पांच प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लागू है. 60 साल और उससे अधिक लेकिन 80 साल से कम के वरिष्ठ नागरिकों के लिये तीन लाख रुपये तक की आय टैक्स मुक्त है जबकि 80 साल और इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की आय पहले से ही टैक्स मुक्त है. वित्त मंत्री ने कहा कि वह आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं लेकिन "पांच लाख रुपये तक आय को इनकम टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव किया जाता है."
चुनाव बाद पेश होगा पूर्ण बजट
लोकसभा चुनाव से पहले आमतौर पर सरकार अंतरिम बजट पेश करती है, जिसमें नई सरकार बनने तक के लिए चार माह का लेखानुदान पारित कराया जाता है. चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी. गोयल को अरुण जेटली के स्थान पर वित्त मंत्री बनाया गया है.
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