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Wednesday 9 January 2019

धार जिले के रामचंद्र ने अगरबत्ती निर्माण कर अपने परिवार को खुशहाल किया

धार जिले के रामचंद्र ने अगरबत्ती निर्माण कर अपने परिवार को खुशहाल किया

 (सफलता की कहानी) 
संजय शर्मा 
हैलो -धार पत्रिका 
          धार-  जिले के ग्राम भानगढ के रामचन्द्र पिता तोलाराम कुमावत एक गरीब परिवार से है। उनके परिवार में पत्नि व दो बच्चे है। बच्चे अभी पढाई कर रहै है और  पत्नि अपने पति के खेती कार्य में सहयोग करती है। रामचन्द्र की बचपन से ही पढने में कम रूची होने के कारण वह केवल 8 वी तक ही पढाई की। इसके बाद वे पिताजी के साथ खेती के कार्य में हाथ बटाने लगा। उसका परिवार खेती बाड़ी एवं पशुपालन के कार्य से अपनी आजीविका चलाता था। जिससे परिवार का सिर्फ गुजारा हो रहा था और परिवार में कोई समस्या आने पर उसे कर्ज लेकर कार्य करना पढता था। 
              मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन प्रारम्भ होने के बाद उसकी पत्नि सांवरिया आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड गई। रामचन्द्र की पत्नि समूह के माध्यम से छोटे-छोटे ऋण लेकर अपने परिवार की जरूरतो की पूर्ति करने लगी।इसके बाद खेती के अलावा अन्य आजीविका गतिविधियो के बारे में उनको जानकारी दी गई तो उनकी पत्नि ने समूह से ऋण लिया और उनके पति ने इस ऋण राशि का उपयोग पेप्सी निर्माण कर विक्रय कार्य प्रारम्भ किया। जिससे उनकी आमदनी 30 से 40 हजार रूपये तक हो गई। जिससे उसके जीवन स्तर में सुधार आया लेकिन यह गतिविधि वर्ष में 2 माह के लिए ही संचालित की जा सकती थी।  शेष समय उसे इस गतिविधि से कोई लाभ नही मिल पाता था। इसके पश्चात आजीविका मिशन द्वारा संचालित अगरबत्ती निमार्ण गतिविधि की जानकारी समूह के माध्यम से प्राप्त हुईं। उनके पति ने इस गतिविधि के संबंध मे समस्त प्रकार की जानकारी मिशन से प्राप्त कर इस गतिविधि को प्रारम्भ करने का निर्णय लिया किन्तु इतनी बडी राशि का व्यय कर पाना उसके परिवार के लिए सम्भव नही था। इसलिए उन्होने राशि के लिए आजीविका मिशन के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत बैंक से 1 लाख 50 हजार की राशि का ऋण लेकर अगरबत्ती निर्माण कार्य प्रारम्भ किया। प्रारम्भ में इस व्यवसाय में रामचन्द्र ने कच्चामाल खरीद कर उससे अगरबत्ती निर्माण कर डीलर को विक्रय किया। जिसमें उसे 4 से 5 हजार रूपये मासिक बचत होती थी फिर रामचन्द्र को स्वयं सेंट कर अगरबत्ती स्थानीय  हाट-बाजारो में बेचने की सलाह दी गई। जिससे उसकी आय में 2 से 3 गुना वृद्धि हो गई। रामचन्द्र की मासिक लाभ प्रतिमाह लगभग 10 से 15 हजार रूपये हो गई। जिससे आज वह अपने परम्परागत खेती कार्य के साथ-साथ एक अन्य गतिविधि अगरबत्ति निर्माण का कार्य कर अपने परिवार के साथ खुशीहाली जीवन यापन कर रहा है। साथ ही इस गतिविधि के द्वारा वह आज हर प्रकार के कर्ज से मुक्त हो गया है। अब उसका परिवार इस गतिविधि के द्वारा पूरे वर्ष मेहनत कर अपने सपने पुरे कर रहा है।

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