सायबर सिक्योरिटी की सजगता के बिना विकसित समाज की कल्पना व्यर्थ - कलेक्टर दीपकसिंह
अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर हुआ आयोजन
सायबर सिक्योरिटी और मानव अधिकार पर हुई परिचर्चा
संजय शर्मा
हैलो -धार
धार- अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर आज मध्यप्रदेष मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर एक निजी गार्डन में सायबर सिक्योरिटी एवं मानव अधिकार विषय पर गरीमामय आयोजन आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर दीपकसिंह थे। इस अवसर उपस्थित वक्र्ताओं ने सायबर क्राईम से जुडे अपने संस्मरण भी सुनाए और जागरूकता पर बल दिया। मानव अधिकारों की रक्षा की शपथ भी ली।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियांे ने सरस्वती के चित्र पर माल्र्यापण करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कलेक्टर दीपकसिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सायबर सिक्योरिटी हर मानव का मानव अधिकार है तथा सायबर अपराध को बगैर जागरूकता के रोक पाना असंभव है। सायबर सिक्योरिटी के मामले में अभी भी जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है। सायबर सिक्योरिटी की जागरूकता तभी संभव है कि जब हम इनके नियमों को भलीभाॅति जानेगे।
श्री सिंह ने कहा कि सायबर सिक्योरिटी के सिस्टम से परिचित नहीं होने के कारण समाज में ठगी के कई उदाहरण सामने आते है। बडे दुख की बात है कि अच्छे पढे लिखे और ऊॅचे औहदे पर बैठे व्यक्ति भी सायबर ठगी के षिकार हो जाते है। मानव अधिकार और खास तौर पर सायबर सिक्योरिटी पर जागरूकता बहुत आवष्यक है। सायबर सिक्योरिटी में दक्षता के बगैर विकसित और प्रगतिषील समाज की कल्पना नहीं की जा सकती।
इस अवसर पर पूर्व संयोजक अषोकचन्द्र जोशी , जयश राजपुरोहित ने भी अपने विचार प्रकट किए और सायबर क्राईम के उदाहरण देते हुए सायबर क्राईम के प्रति जागरूकता को आवष्यक बताया।
प्रारंभ में मानव अधिकार आयोग के आयोग मित्र प. छोटू शास्त्री ने स्वागत भाषण दिया और इस आयोजन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। अतिथियों के स्वागत लव प्रजापत, नितिन सांखला, जीतेन्द्र सोनी, राजेश जोशी , समाजसेवी दिनेश शर्मा, संजय शर्मा ,नारायणसिंह भिडे, लाखन नवासा, करीम कुरैशी , शकील खान पवन वैष्णव, नवीन मेहर, नरेन्द्र तेनीवाल, राजकुमार सोलंकी, सुमीत वर्मा, अजय व्यास, रविन्द्र सोलंकी, पंकज चौहान, डीएस बैरागी, अमरसिंह पारा,लेखा शर्मा , पैरालीगल वालेंटियर्स आदि ने किया। संचालन दीपक शुक्ला ने किया। आभार सुनील सचान ने माना।
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