भागवत ने कहा- न्याय में देरी अन्याय की तरह, राम मंदिर पर जल्द कानून लाए सरकार
'अयोध्या में राम का नहीं तो किसका मंदिर बनेगा?'
हैलो -धार
नागपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने फिर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून लाने की बात कही। भागवत ने रविवार को कहा, ‘आरएसएस का मानना है कि राम मंदिर बनना चाहिए।' उन्होंने कहा कि न्याय में देरी भी अन्याय की तरह ही है। सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए जल्द से जल्द कानून लाए।
'अयोध्या में राम का नहीं तो किसका मंदिर बनेगा?'
भागवत ने विश्व हिंदू परिषद की हुंकार रैली में हिस्सा लिया। कहा- संत जो भी तय करेंगे, आरएसएस उनके साथ है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसी वजह से संत और भक्त राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एएसआई द्वारा की गई खुदाई में पाया गया था कि वहां पर मंदिर था जिसे ध्वस्त कर दिया गया। अगर वहां राम मंदिर नहीं बनेगा तो वहां पर किसका मंदिर बनेगा? अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाने की जरूरत है।
'सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर को प्राथमिकता नहीं दे रहा'
संघ प्रमुख ने कहा, "यह मामला कोर्ट में है, इसका फैसला जल्द होना चाहिए। यह भी सिद्ध हो चुका है कि राम मंदिर उसी जगह पर था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट मामले को प्राथमिकता नहीं दे रहा। अगर किसी वजह से अपनी व्यस्तता के कारण, या पता नहीं अपने समाज की संवेदना को न जानने की वजह से न्यायालय की प्राथमिकता में राम मंदिर नहीं है तो सरकार को सोचना चाहिए कि मंदिर को बनाने के लिए कानून कैसे बन सकता है। सरकार जल्द कानून को लाए। यही उचित है।''
राम मंदिर निर्माण के लिए कानून लाने की मांग तेज हो रही है। रविवार को विहिप ने अयोध्या में धर्म सभा का आयोजन किया। इसमें देश भर से संत पहुंचे। विहिप ने धर्म सभा के माध्यम से मंदिर निर्माण के लिए अगले सत्र में बिल लाने की मांग की।
संघ लगातार केंद्र सरकार पर राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के लिए दबाव डाल रहा है। शनिवार को हरिद्वार में भी भागवत ने कहा था कि सरकार को राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए। संघ प्रमुख इससे पहले भी कई बार खुले मंच से अध्यादेश लाने की मांग कर चुके हैं।
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