भाजपा प्रत्याशी शेखवात का सभा मंच पर स्थानीय नेताओ की उपेक्षा नीति से कैसे होगी एमपी में बीजेपी 200 पार ?
संजय शर्मा
संपादक हेलो-धार
धार/बदनावर- जहा एक और बीजेपी मध्यप्रदेश में दावा कर रही हैं कि इस बार दो सौ पार लेकिन एक और बदनावर विधानसभा चुनाव प्रत्याशी भवंर सिंह शेखवात जिस प्रकार चुनावी रणनीति तैयार कर रहे है उससे तो ऐसा लगता हैं की बीजेपी अभी दो सौ पार से कोसो दूर है। जहाँ एक और भाजपा से बागी प्रत्याशी राजेश अग्रवाल ने अपनी चुनावी ताल ठोक रखी हो।
अभी ताज़ा उदहारण विगत दिनों चुनाव प्रचार में स्टार प्रचारक के रूप में यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ बदनावर आए थे।जिस सभा मे हजारों की संख्या में क्षेत्रीय कार्यकर्ता और आम जनता मौजूद थे,उसे भुनाने का सबसे अच्छा मौका विधायक के पास था,लेक़िन देखा गया की क्षेत्र में बड़ा जनाधार रखने वाले स्थानीय कई नेताओं को तवज्जों नही दी गई।
सभा मंच पर इनको नही मिली जगह जिसमें मेला तीर्थ प्रधिकरण उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त महेंद्र सिंह चाचू बना (बदनावर विधानसभा),भाजपा जिला महांमत्री मनोज सोमानी(बदनावर),भाजपा जिला उपाध्यक्ष डॉ प्रहलाद सिंह सौलंकी(बदनावर विधानसभा),भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती सुषमा पाठक(बदनावर विधानसभा) ब्रहामण समाज जो अच्छी पकड़ रखती है , किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष जगदीश जाट(बदनावर विधानसभा) जाट समाज का भी विधानसभा में काफी प्रभाव है ,जिलाउपाध्यक्ष ईस्वर कटारा(बदनावर विधानसभा),पूर्व भूमि विकास बैंक अध्यक्ष महेंद्र शक्तावत(बदनावर विधानसभा), पूर्व अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष शकील खान,गुजराती राजपूत समाज में अपनी पकड़ रखने वाले भाजपा नेता जसवंत सिंह राठौर नवासा,पूर्व विधायक गुट्टू बना पुत्र जनपद सदस्य ओम प्रकाश राठौर,राजपूत समाज युवा नेता ठाकुर धुर्व नारायण सिंह बना सही अनेक भाजपा नेता जो की बदनावर विधानसभा क्षेत्र निवासी से इन सभी की चुनावों उपेक्षा की जा रही हैं। यह मानते है की पार्टी ने इनमें से कुछ पदाधिकारी को जिले में चुनाव प्रभारी बना रखा है लेक़िन आपको चुनाव जिताना है तो ऐसी बड़ी चुनावी सभा में मंच पर स्थान देकर सर्व समाज वोट बैंक को अच्छे से भुना सकते थे लेक़िन ऐसा नही किया गया, भाजपा प्रत्याशी को इन जनाधार वाले नेताओं की उपेक्षा करना कही चुनाव में भारी न पड़ जाए। जिन लोगों को चुनावी सभा में मंच पर स्थान मिला था उनमें से एक दो नेता को छोड़कर किसी का भी बड़ा जनाधार नही था।
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