कंप्यूटर बाबा व्यक्तिगत हित साधने में जुटे उनका कोई बड़ा कद नहीं - परमानंद गिरि
शिवराज बोले- साधु-संतों का आशीर्वाद मिल गया, चौथी बार सरकार बनाएंगे
संजय शर्मा
हैलो धार
भोपाल- चुनाव के ठीक पहले धर्म की सियासत तेज हो गई है। राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कंप्यूटर बाबा इंदौर से साधु-संतों के मन की बात करने जा रहे हैैं, इसके ठीक एक दिन पहले भोपाल में भी संत सभा हुई। हिंदू आचार्य महासभा के अध्यक्ष स्वामी परमानंद गिरि ने कहा कि कंप्यूटर बाबा व्यक्तिगत हित साधने वाले हैं, उनका संत समाज में कोई बड़ा कद नहीं है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे सबसे बड़े संत साधक हैं। मुझे साधु-संतों का आशीर्वाद मिल गया है। प्रदेश में चौथी बार भाजपा की सरकार जरूर बनेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गीता का सार पढ़ाने का काम किया है। हिंदू नववर्ष मनाने का फैसला लिया है। भारत देश और आदिशंकराचार्य का दर्शन ही विश्व को रास्ता दिखाएगा। सोमवार को हिंदी भवन में राजाभोज एकल अभियान समिति ने इस संत सभा का आयोजन किया था।
राम मंदिर पर कुछ नहीं बोले संत : संत सभा के बाद पत्रकार वार्ता में परमानंद गिरि महाराज ने कहा कि भारत में सामाजिक समरसता जरूरी है। समाज में ऊंच-नीच का भाव समाप्त होना चाहिए, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से संबंधित प्रश्न को स्वामी टाल गए। उन्होंने कहा कि संस्कृति और सामाजिक मूल्यों के संरक्षण और चरित्र निर्माण में सरकार क्या काम कर सकती है, इस मामले में शिवराज सिंह चौहान एक ट्रेंड सेटर मुख्यमंत्री हैं। हमारा मानना है कि सरकार का काम केवल भौतिक विकास नहीं है।
कुछ लोग फायदा पहले देखते हैं : कंप्यूटर बाबा की नाराजगी पर स्वामी परमानंद गिरि ने कहा कि कई लोग खुद के फायदे को प्राथमिकता में रखते हैं। इस मौके पर संत सभा में अखिलेश्वरानंद, गायत्री परिवार से ओपी शर्मा, गिरीशानंद सरस्वती, स्वामी मुक्तानंद महाराज, महामंडलेश्वर हरिहरानंद सरस्वती, 1008 नर्मदानंद बाबजी महाराज, सीताशरण महाराज, महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद महाराज, महामंडलेश्वर राजीवलोचन और गणेशानंद महाराज उपस्थित थे।
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