भाजपा अबकी बार 200 पार का नारा देने वाली पार्टी इस बार 200 उम्मीदवारों की सूची एक साथ दीपावली पर जारी कर सकती है
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार
भोपाल- भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति की बैठक में विधानसभा चुनाव के टिकट के लिए किसी भी नेता पुत्र की दावेदारी पर चर्चा नहीं की गई और न ही किसी उम्रदराज नेता की दावेदारी को शामिल किया गया।
पार्टी सूूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने संगठन को साफ हिदायत दी थी कि प्रदेश में किसी भी नेता पुत्र का नाम टिकट के लिए विचार में नहीं लिया जाए। जिस किसी नेता को अपने पुत्र को टिकट दिलाना हो, वह लिखकर दे कि स्वयं के लिए टिकट की मांग नहीं करेगा। खुद राजनीति छोड़ दें, फिर बेटे को टिकट दिलाने की बात करें। उधर, सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में होने वाली हाईकमान की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। बैठक में टिकट को लेकर मंथन किया जाएगा।
विधानसभावार चर्चा में सदस्यों से टिकट के उपयुक्त दावेदारों के नाम मांगे गए और उन्हें सूचीबद्ध कर लिया गया। पार्टी नेताओं की मानें तो सारा मामला संघ, सर्वे और हाईकमान के फीडबैक के आधार पर दिल्ली से तय होगा। सूत्र बताते है की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 2 नवम्बर को होने जा रही है जिसमे मध्यप्रदेश चुनाव समिति से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ,सांसद विनय सहस्रबुद्धे ,केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे।
भाजपा इस बार 200 पार का नारा दिया है इसी तर्ज पर दीपावली के दिन अपने 200 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है बाकि शेष बची 30 सीटों के उम्मीदवार उसके एक दो दिन में कर देगी।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। जहां केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनके फीडबैक से सारे नाम मिलान के बाद अंतिम सूची संसदीय बोर्ड के सामने रखी जाएगी। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के नेताओं ने सोमवार को सभी सीटों पर फाइनल बातचीत की। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि राज्य का काम सिर्फ नाम प्रस्तावित करना होता है। निर्णय तो हमेशा ही संसदीय बोर्ड से होता है।
महापौर को टिकट देने से भी परहेज
चुनाव समिति ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को छोड़कर अन्य किसी महापौर का नाम पैनल में नहीं लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह ये थी कि हाईकमान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी महापौर का नाम विधानसभा टिकट की दावेदारी में शामिल नहीं किया जाए। इस गाइडलाइन के चलते भोपाल महापौर आलोक शर्मा, ग्वालियर से विवेक शेजवलकर, सागर से अभय दरे, जबलपुर से स्वाति गोड़बोले, सतना से ममता पांडे सहित कई महापौर टिकट की दौड़ से बाहर हो गए थे। मालिनी गौड़ को विधायक होने के नाते पैनल में स्थान मिला।
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