ब्राह्मण महाकुंभ उज्जैन में आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग उठी,ब्राह्मण समाज ने महाकुंभ के जरिए अपनी ताकत दिखाई
ब्राह्मण महाकुंभ - एससी/एसटी एक्ट और आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर प्रस्ताव पारितआरक्षण की मांग की और पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया, 2100 बटुकों के शांति पाठ के बाद हुई महाकुंभ की शुरुआत
उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों से उज्जैन पहुंचे प्रतिनिधि
संजय शर्मा
संपादक हैलो धार पत्रिका
उज्जैन- अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज का पहला ब्राह्मण महाकुंभ शुक्रवार को उज्जैन के दशहरा मैदान पर आयोजित हुआ। महाकुंभ में शामिल होने देशभर से लोग उज्जैन पहुंचे। इसमें राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रस्ताव पारित किए गए। राजनीतिक प्रस्ताव में एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने और आर्थिक आधार पर आरक्षण नीति तय करने की मांग की गई। वहीं प्रदेश सरकार से ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन करने, मंदिरों का सरकारी करण समाप्त करने, ब्राह्मण समाज को भी प्रतियोगी परीक्षाओं में यात्री किराए और परीक्षा शुल्क में छूट देने जैसे मुद्दों पर गंभीरता से चर्चा की गई।
महाकुंभ में शामिल हाेने विभिन्न अंचलों व आसपास के जिलों से आए जत्थे एक जगह पर एकत्रित हुए और फिर रैली के रूप में दशहरा मैदान पहुंचे। महाकुंभ का शुभारंभ 21 सौ बटुकों के शांति पाठ से शुरू हुआ। समाज अध्यक्ष सुरेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाएं और युवा भी सम्मिलत हुए।
चतुर्वेदी ने बताया कि साझा चूल्हा के नाम से एक ही जगह सपरिवार भोजन कराया गया। उनके अनुसार एक साथ भोजन करने से समाज के बीच एकता का नया सूत्रपात हुआ। संयोजक रामेश्वर दुबे और आयोजक रवि शुक्ला,उपाध्यक्ष राजेश शर्मा रूद्राक्ष के अनुसार राजस्थान, उप्र, महाराष्ट्र, गुजरात और अन्य राज्यों से भी ब्राह्मण प्रतिनिधि महाकुंभ में शामिल हुए। आयोजन स्थल पर शामिल होने वाले सभी ब्राह्मणों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई थी। कई जिलों से रैली के रूप में हजारों लोग महाकुंभ में पहुंचे ।
ओजस्वी वाणी के स्वामी महामंडलेश्वर अतुलेश्वरानंद जी नेअपने उद्बोधन में कहा की जब ब्राह्मण को शास्त्र काम नहीं चले तो शस्त्र को भी उठाना चाहिए ,गौ हत्या हो या आर्थिक आधार का आरक्षण का मामला कोई भी सरकार कोई अध्यादेश नहीं लाती है और एसटी/एससी एक्ट पर अध्यादेश लाया जाता है यह कहा का न्याय है हम इसका विरोध करते है। मालव माटी संत कमल किशोर जी नागर,और महामंडलेश्वर शैलेषानंद ने समाज की एकता पर जोर दिया।
हम दिल्ली वालों से क्या मांगे: नागरजी ने सुदामा का उदाहरण देते हुए कहा दीन-हीन होने के बावजूद श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांगा। जब ब्राह्मण ने द्वारिका से कुछ नहीं मांगा तो हमें दिल्लीवालों से क्या मांगना? दो महीने बाद ये खुद भीख मांगने आने वाले हैं।
ब्राह्मण महाकुंभ मंच पर पंडित रामेश्वर दुबे ,पंडित सुरेश चतुर्वेदी ,पंडित विष्णु बड़े शुक्ला ,पंडित संतोष शुक्ला ,पंडित रवि कुमार शुक्ला ,पंडित राजेश शर्मा रूद्राक्ष ,पंडित यशवंत व्यास ,पंडित विजय व्यास ,पंडित सुमित अवस्थी,पंडित योगेंद्र कौशिक ,पंडित संजय शर्मा धार ,पंडित विकास शर्मा खरसोड़ा धार ,सहित अनेक समाज बंधू उपस्थित थे।
इन मुद्दों पर पूर्ण समर्थन मिला
उज्जैन मे अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा " ब्राह्मण महाकुंभ " का आयोजन व सांझा चुल्हा (ब्रह्मभोज) संपन्न हुआ । जिसमे विचार मंथन के निम्न बिन्दुओ पर उपस्थितजनो का पूर्ण समर्थन मिला ।
1) राष्ट्र हित मे जातिगत आरक्षण के स्थान पर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए ।
2) एट्रोसिटी एक्ट मे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जाए ।
3) पदोन्नती मे आरक्षण समाप्त किया जाए ।
4) देश के अन्य राज्यो की तरह मध्यप्रदेश मे " ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए ।
5) शिक्षा के क्षेत्र मे सभी वर्ग/जाति के विद्यार्थीयो को व्यावसायिक परिक्षाओ के शुल्क - यात्रा सुविधा आदि एक समान किया जाए ।
6) किसानो को अनुदान जाति के बजाय उनकी अपनी जमीन के रकबे के अनुसार तय हो । किसानो को व्यावसायिक रूप से लाभ होता रहे ऐसी कार्ययोजना बनाई जाए ।
आदी विषयो पर सरकारो ( राज्य व केंद्र) को आगाह किया कि उपरोक्त विषयो पर गंभीरता से विचार कर तुरंत लागू किया जाए । अन्यथा आगामी चुनावो मे इसका खामियाजा भुगतने को तैयार रहे ।
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