धारनाथ भगवान नगर भृमण कर जाना प्रजा का हाल हजारों भक्तों ने लिया दर्शन लाभ
सशस्त्र बल के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर पेश कि या, दी सलामी
संजय शर्मा
हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार- भगवान धारनाथ का छबीना शाही ठाठ-बाट के साथ सोमवार को परंपरानुसार निकला गया। आरती के समय हल्की बारिश हुई, लेकि न इसके बाद भगवान धारनाथ के मुघौटा यानी पवित्र धातु प्रतिमा को राजवंश काल की शाही पालकी में विराजित कि या। सबसे पहले भगवान को सशस्त्र बल के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी पेश की। इसके बाद भगवान नगर भ्रमण के लिए रवाना हुए। भगवान धारनाथ के दर्शन के लिए हर कोई पलक पावड़े बिछाए हुए शहर के प्रमुख मार्गो पर इंतजार कर रहा था। जिस मार्ग से यह शाही सवारी निकली, वहां पर भक्तों ने खुद सड़क बुहारी और पानी से सड़क को साफ कि या।
कुछ देर बाद चल समारोह ने व्यापक रूप ले लिया। समारोह में करीब 18 झांकी और अखाड़े शामिल हुए। भगवान शिव पर आधारित विभिन्न झांकि यां और मंदिरों के छबीने भी इसमें शामिल हुए। देर रात तक यह नगर भ्रमण का दौर जारी रहा
गौरतलब है कि राजवंश काल से यह परंपरा चली आ रही है कि भगवान धार नाथ भादौ के दूसरे सोमवार पर धार नगर में निकलते हैं। भगवान धारेश्वर नगर के राजा होने के नाते प्रजा का हाल जाने के लिए निकलते हैं। इस आयोजन को लेकर प्रशासन व आरती मंडल द्वारा विशेष रूप से तैयारियां की गई थी। इसी के चलते दोपहर 2 बजे से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगने लगा था। स्थिति यह थी कि पैर रखने के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही थी। जैसे ही भगवान के पवित्र मुघौटे को पालकी में विराजित कि या गया। वैसे ही जय धारनाथ, जय हो शंभू के जयकारे लगना शुरु हो गए थे। उसके बाद भगवान को दूल्हे की तरह सजाया गया और उनको शाही अंदाज में साफा पहनाया गया। विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना हुई। महाआरती के बाद में माझी समाज के युवाओं ने भगवान की पालकी को अपने कंधों पर उठाया और नगर भ्रमण के लिए निकल पड़े।
दरअसल इस बार जन्माष्टमी और शाही पालकी का दिन एक ही आने से विशेष रूप से भगवान धारनाथ की पालकी को आगे रखा गया है। छबीने के दौरान भक्त सड़क को बुहारते हुए चल रहे थे। पुणे के बैंड दल की सुमधुर भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। वही आरती मंडल के सदस्य विशेष पोशाक पहने हुए उसमें शामिल हुए। इस मौके पर मुख्य रुप से धर्म रक्षक स्थान मंडल ने व्यवस्थाओं को संभाला। मंडल के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे। धीरे-धीरे काफिला आगे बढ़ता रहा और उसमें अन्य मंदिरों की पालकी, झांकि यां व अखाड़े भी शामिल हुए। पूरा शहर शिवमय हो गया। शहर में जगह-जगह स्वागत के लिए स्वागत मंच बनाए गए थे। प्रमुख मार्गो पर सुरक्षा के इंतजाम कि ए गए थे। जगह-जगह पुलिस बल तैनात था। पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी भी इस दौरान भ्रमण करते हुए नजर आए। अखाड़ों और झांकी के संचालकों ने भी अनुशासन बनाए रखा। नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर से लेकर अन्य प्रमुख मंदिरों की झांकी और अखाड़े भी इसमें शामिल हुई।
छबीने का यह रूट रहा...
शाही छबीना शाम 4 बजे धारेश्वर से निकला। इसके बाद छत्री चौराहे पर पहुंचा। इसके बाद हटवाड़ा, पिपलीबाजार, आनंद चौपाटी, नरसिंग चौपाटी, धानमंडी, कश्यप भवन, मोहन टॉकि ज, धानमंडी, भाजी बाजार, पट्टा चौपाटी, नालछा दरवाजा, पौ चौपाटी, राजवाड़ा से होते आनंद चौपाटी से होकर वापस धारेश्वर प्रांगण पहुंचा।
छबीने को लेकर शहर में ऐसी रही व्यवस्था-
सुरक्षा व्यवस्था- बाहर से 350 जवानों का बल बुलाया था। इसके अलावा जिला बल, होमगार्ड, एसएफ, वनरक्षक आदि जवान मुस्तैदी से तैनात रहे। इसमें 650 जवान सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए थे। वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कमान संभाली।
सफाई व्यवस्था- नगर पालिका ने सफाई व्यवस्था को लेकर 100 से ज्यादा कर्मियों को लगाया था। इसमें 10 लोगों की टीम बनाई गई थी। इसमें पत्थर बीनने, मवेशी पकड़ने, सफाई सहित अन्य व्यवस्था में लगे थे।
यह थे उपिस्थत - भगवान धारनाथ के पूजन के अवसर पर मुख्य रूप से धार विधायक नीना वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, कलेक्टर दीपकसिंह, एसपी बीरेंद्र सिंह सहित अन्य प्रमुख लोग उपिस्थत थे।
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