68 वर्ष के हुए वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी जानें कैसा रहेगा अगला एक साल- प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री
भारत के लोकप्रिय वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी17 सितंबर 1950 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर गुजरात के वडनगर में जन्मे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की जन्मकुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि के चंद्रमा से प्रभावित हैं
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प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदीजी की कुंडली में बन रहा चंद्र-मंगल का नीच-भंग योग इनको जनता के एक बड़े वर्ग का अपार प्रेम और समर्थन दिला रहा है तो वहीं दूसरी ओर मंगल के शत्रु भाव का स्वामी होकर जनता के कारक चंद्र से युत होने के कारण उनको भारी विरोध का सामना भी करना होता है।
ग्रह योग हैं वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी की ताकत
डाँ.अशोक शास्त्री के अनुसार वृश्चिक लग्न की कुंडली के लग्न में बैठे मंगल और दशम भाव में बैठे शनि की सप्तम भाव पर दृष्टि नरेंद्र मोदीजी को शत्रुहन्ता बनाती है।
वर्ष 2001 में शुक्र में बुध की दशा में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने और वर्ष 2014 में चंद्र-गुरु की शुभ दशा में देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदीजी ने अपनी पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह अपने विरोधियों को अपनी चतुर राजनीतिक चालों से पराजित किया है।
वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजीकी वर्ष कुंडली कहती है
डाँ. शास्त्री ने बताया कि इस साल की वर्ष कुंडली बतती है कि अगले एक वर्ष में उनको अपने राजनीतिक जीवन में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
चंद्र में शुक्र की विंशोत्तरी दशा सितंबर 2018 से मई 2020 तक रहेगी
सप्तमेश शुक्र वर्गोत्तम होकर सत्ता स्थान यानी दशम भाव में है जो कि उनको 2019 के आम चुनावों के बाद केंद्र की सत्ता में वापस लेकर आएगा किंतु अन्तर्दशा नाथ शुक्र के द्वादश यानी (हानि) भाव का स्वामी होने के कारण बड़ा राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
नरेंद्र मोदीजी के राजनीतिक जीवन में इस वर्ष पहली बार उनके विरोधी उन पर हावी होते दिखेंगे।
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव में परीक्षा
इस वर्ष के अंत में हो रहे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों में पार्टी की नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, जिससे सरकार की नीतियों पर सवालिया निशान लगा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदीजी की वर्षकुंडली में वृषभ लग्न उदय हो रहा है, जहां अष्टम भाव में बैठे चंद्र और शनि उनको मानसिक कष्ट देने का योग बना रहे हैं।
वृषभ लग्न की वर्ष कुंडली के दशम भाव को देख रहे गुरु, शनि और बुध उनको केंद्र की सत्ता में वापस आने का ज्योतिषीय संकेत तो दे रहे हैं किन्तु उनकी राजनीतिक पकड़ अब ढीली होती जाएगी।
पूर्ण बहुमत की सरकार चालने के अभयस्त नरेंद्र मोदीजी को 2019 में जोड़-तोड़ की सरकार का मुखिया बनकर कदम-कदम पर मानसिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी की कुंडली पर भारी
विदेश नीति के मोर्चे पर प्रधानमंत्री मोदीजी के लिए यह वर्ष मिला-जुला रहेगा। चंद्र में शुक्र की दशा में प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीप जैसे पड़ोसी देशों से संबंध सुधरने की कोशिशें तेज करेंगे।
पड़ोसी देश चीन उनके इन प्रयासों को विफल करने का जमकर प्रयास करेगा और काफी हद तक सफल भी हो सकता है। चीन की मकर लग्न की कुंडली में चल रही नवमेश बुध की दशा मोदी की कुंडली के ग्रहों पर भारी पड़ सकती है।
मेदिनी ज्योतिष में सप्तम भाव को युद्ध का भाव कहा जाता है।
प्रधनमंत्री मोदीजी की वृश्चिक लग्न की कुंडली के सप्तम स्थान पर पड़ रही शनि-मंगल की संयुक्त दृष्टि और वर्तमान के चल रही सप्तमेश शुक्र की अंतर्दशा उनको आने वाले दिनों में उग्र बना सकती है। ( डाँ.अशोक शास्त्री )
मो.नं. 9425491351
शास्त्रीजी आपने ज्ञान व चातुर्य का परिचय देकर ऐसी भविष्यवाणी की है कि मोदी समर्थक व विरोधी दोनों खुश
ReplyDeleteआपकी भविष्यवाणी यदि सत्य होती है तो केन्द्र मे त्रिशंकु सरकार बनेगी जो कि हिन्दुस्तान कि राजनीति का काला अध्याय होगा जो लगभग सही ✅ भीलग रहा है या हम यूकह सकते हैं कि मोदी जी का अल्पसंख्यक और एस टी एस सी को मिलाकर भाजपा की सरकार बनाब का फार्मूला फैल है पर सवरण कासट का फैसला इनकी दशा तय करेगा कि ये राज करेगे या घकके खायेंगे
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