‘‘कानूनी साक्षरता, हटाये दुर्बलता‘‘
संजय शर्मा
हैलो धार संपादक
धार, 3 अगस्त, ‘‘बालक राष्ट्र के धरोहर होते है‘‘ जैसे सूर्याेदय होने पर ही दिवस होता है वैसे ही मानव का उद्भव बालक से होता है। अतः प्रत्येक राष्ट्र का ये परम पुनीत कर्तव्य होता है कि आज के समय में समाज में रह रहे बालकों को दया, ईमानदारी, आदर, शालीनता आदि सद्गुण का ज्ञान देते हुए शिक्षा प्रदान करे।
चाहे अनचाहे बाल्यावस्था में होने वाले नियम विरूद्ध गतिविधियों के अंतर्गत पकडे़ गये बालक जो कि किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष न्यायालयीन प्रक्रिया के लिए प्रस्तुत किये जाते है। उन्हें राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं जिला स्तरीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती सरिता सिंह के मार्गदर्षन में किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती सारिका गिरी शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती रेखा द्विवेदी तथा सलाहकार श्रीमती मिताली प्रधान की उपस्थिति में शुक्रवार को विधिक साक्षरता शिविर के अंतर्गत विभिन्न शिक्षाप्रद कहानियों के माध्यम से कानूनी ज्ञान प्रदान किया गया।
प्रधान न्यायाधीश किशोर न्याया बोर्ड श्रीमती शर्मा द्वारा सभी बच्चों को बाजार से सस्ते दामों में उपलब्ध होने वाले मोबाईल व मोटर साईकिल खरीदने या उपयोग करने से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताया। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती रेखा द्विवेदी द्वारा यातायात नियम के साथ-साथ बच्चों एवं उनके पालको को शिक्षा के अधिकार, 100 डायल, चाईल्ड हेल्प लाईन नं. 1098 तथा निःशुल्क विधिक सहायता नं. 15100 की जानकारी दी गई। ‘‘कानूनी साक्षरता, हटाये दुर्बलता‘‘ की ज्योति सभी के मन मंदिर में जलाते हुए षिविर का समापन किया गया।
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