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Friday, 10 August 2018

38 वर्ष पश्चात नागपंचमी पर स्वार्थ सिद्धि योग के साथ कर्कोटक कालसर्प योग , सूर्य , राहु , बुध कर्क राशि में रहेंगे

38 वर्ष पश्चात नागपंचमी पर स्वार्थ सिद्धि योग के साथ कर्कोटक कालसर्प योग , सूर्य , राहु , बुध कर्क राशि में रहेंगे

हैलो धार 

          धार - इस वर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी ( नागपंचमी ) तिथी 15 अगस्त बुधवार को हस्त नक्षत्र , साध्य योग के साथ कन्या राशि के चंद्रमा मे मनाई जाएगी । ज्योतिषाचार्य डाँ. पं. अशोक शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष बुधवार को हस्त नक्षत्र होने के कारण सर्वार्थ सिद्ध बना है । इस कारण नागपंचमी के ग्रह योग सामाजिक एवं राजनीति में परिवर्तन के योग बनते हैं ।
          डाँ. पं. अशोक शास्त्री ने बताया कि हस्त नक्षत्र का स्वामी सूर्य है तथा साध्य योग की स्वामी सावित्री हैं , बुध कन्या राशि का स्वामी है । सबसे बड़ी बात बुधवार को बुध राशि चंद्रमा की उपस्थिति में नागपंचमी का होना ,  विशेष कर सूर्य , राहु , बुध का कर्क राशि में भ्रमण करना और सूर्योदय कालिन कुंडली में कर्कोटक काल सर्प योग का होना विशेष घटना है ।  डाँ. शास्त्री ने बताया कि 38 वर्ष पूर्व 15 अगस्त 1980 को इस प्रकार के ग्रह योग बने थे । इस प्रकार के ग्रहों की स्थिति के कारण राजनीतिक दृष्टिकोण से परिवर्तन दिखेंगे तथा सामाजिक दृष्टि कोण से मानसिक कष्ट और अस्थिरता रहेगी ।
          डाँ.अशोक शास्त्री ने बताया कि नागपंचमी पर बन रही ग्रहों की स्थिति को अनुकुल करने के लिए अपनी पारंपरिक पूजन के साथ नागदेव की स्थापित मूर्ति का पंचोपचार पूजन कर , धूप बत्ती के साथ नारियल अर्पण करें । सर्प सुक्त संस्कार और मनसा देवी नाग स्तोत्र का पाठ करना श्रेष्ठकर रहेगा । तीर्थ स्थान पर शिव मंदिर सीदा दान कर , जौ और नारियल नदी मे विसर्जीत करना चाहिए ।
          डाँ. शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में काल सर्प योग का सीधे सीधे कोई उल्लेख नहीं है । पाराशर होरा शास्त्र में सर्प शासित और नाग शापित दोषों का उल्लेख है । वर्तमान में इन शब्दों को ही अपभ्रंश कर काल सर्प योग कहा जा रहा है ।

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