अटलजी की अस्थियां गंगा में प्रवाहित, 20 को भोपाल लाया जाएगा अस्थिकलश
अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां रविवार दोपहर हरिद्वार में प्रवाहित की गईं। उनकी दत्तक बेटी नमिता ने इन्हें प्रवाहित किया
हैलो धार
भोपाल/ग्वालियर/हरिद्वार - भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्रीअटल बिहारी वाजपेयीकी अस्थियां रविवार दोपहर हरिद्वार में प्रवाहित की गईं। उनकी दत्तक बेटी नमिता ने इन्हें प्रवाहित किया। इस मौके पर अटल जी की नातिन नम्रता, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथसिंह मौजूद रहे।
इससे पहले रविवार सुबह अटलजी के परिवारवालों ने दिल्ली में स्मृति स्थल से अस्थियों को संचित किया। इन्हें सेना के विशेष विमान से देहरादून, फिर हेलिकॉप्टर से हरिद्वार लाया गया। भाजपा के प्रवक्ता भूपेंद्र यादव ने बताया, "अटलजी की अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया जाएगा। इसके अलावा, 20 दिनों तक देश के सभी राज्यों में प्रार्थना सभाएं रखी जाएंगी। दिल्ली में 20 अगस्त को इंदिरा गांधी स्टेडियम में शाम चार बजे प्रार्थना सभा रखी गई है।"
सभी राज्यों को दिए जाएंगे अटलजी के अस्थि कलश :उधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि यहां 20 अगस्त को होने वाली प्रार्थना सभा के बाद सभी राज्यों को अटलजी के अस्थि कलश दिए जाएंगे। इन्हें मध्यप्रदेश की नर्मदा, सोन, चंबल, केन, ताप्ती, बेतवा, पार्वती नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। इससे पहले योगी आदित्यनाथ भी अटलजी की अस्थियों को उत्तरप्रदेश की सभी नदियों में प्रवाहित करने का ऐलान कर चुके हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह 20 अगस्त की रात को कलश लेकर भोपाल आएंगे। कलश को 21 अगस्त को लोगों के दर्शनाथ पार्टी कार्याल में रखा जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री कलश को नर्मदा में प्रवाहित करने ले जाएंगे।
आज से शुरू होगा गरूण पुराण, 30 को तेरहवीं
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तेरहवीं 30 अगस्त को दिल्ली में उनके निवास पर होगी। इससे पहले 27 अगस्त का शुद्धता (दसवां) होगा। अटलजी के दिल्ली स्थित निवास में रविवार से गरुण पुराण का पाठ भी शुरू होगा। सोमवार से ये प्रतिदिन दोपहर में 12 से 3 बजे तक होगा। जानकारी के अनुसार ड्राइंग रूम में जिस स्थान पर अटलजी की पार्थिव देह रखी गई थी, अब उसी स्थान पर उनकी तस्वीर रखी गई है। तस्वीर के दोनों और दीपक जलाए जा रहे हैं।
इसलिए होगी 30 को तेरहवीं
अटलजी का निधन 16 अगस्त को हुआ, तेरह दिन 29 को होते हैं। लेकिन, दाह संस्कार 17 अगस्त को हुआ है, परिवार के सदस्यों के अनुसार उनके यहां ये रीत है कि दाह संस्कार के दिन से ही 13 दिन जोड़े जाते हैं। इसलिए 27 को शुद्धता और 30 अगस्त को तेरहवीं होगी। तेरहवी में सिर्फ पारिवारिक लोग ही शामिल होंगे।
No comments:
Post a Comment