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Monday 30 July 2018

गुरू पूर्णिमा के अवसर पर संगीत सभा का आयोजन हुआ

 गुरू पूर्णिमा के अवसर पर संगीत सभा का आयोजन हुआ 

संजय शर्मा 
हेलो धार 
      धार -  गुरू पूर्णिमा पर्व पर संस्कृति संचालनालय के सहयोग से शासकीय संगीत महाविद्यालय की ओर से शुक्रवार को संगीत सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री बीरेन्द्र सिंह ने दीप प्रज्जवलन कर किया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा गीत गुरू वंदना प्रस्तुत की गई। 
       इसके बाद मुम्बई से पधारे देश के प्रतिभावान एवं युवा पीढ़ी के अग्रणी विश्वविख्यात बांसुरी वादक पद्म विभूषण पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के गंडाबंध शिष्य श्री संतोष संत का बांसुरी वादन प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होने राग भूप एवं देश में अलाप-जोड़-झाला, ताल-रूपक में एवं तीन ताल में बंदिषे बजाई। बांसुरी और तबले का सह संबंध अति मधूर था। धार जिले में पहली बार इनका बांसुरी वादन प्रस्तुतिकरण था। जो कि श्रोताओं को बहुत पसंद आया। इन्होने अपनी प्रस्तुति का समापन एक पहाड़ी धून से किया, जो सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इनके साथ तबले पर श्री आसुतोष देथारिया बलनपुरे पर श्री मुकेश सोलंकी ने संगत की। 
      इसी श्रृखंला में दिल्ली से आयी सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना सुश्री शांभवी मिश्रा ने नृत्य प्रस्तुत किया। उन्होने नृत्य का शुभारंभ गुरू वंदना भजन ‘‘गुरू बिन कैसे कौन करे’’ से किया। इसके बाद ताल में प्रवेश करते हुए तालों के राजा तीनताल में कुछ प्रक्रिया प्रस्तुत की, जो कि घुंघरूओं में मंझे हुए शानदार प्रस्तुति दी। इसके उपरांत ठाह, आनंद, जयपुर घराने का उठान विशेष रूप से पढ़ंत के पश्चात प्रस्तुत किया। रास नृत्य और कथक का अजीब ही सहसंबंध रहा है। बनारस घराने की रचना पंडित किशन महाराज द्वारा प्राप्त गणेश परन, कथा कहे सो कथा कहावे, चक्रदार तिहाई, प्रस्तुति के समापन में दु्रत तीनताल में जिसे नाट्यशास्त्र का अंग कहा गया है। उसी परम्परा के कुछ ‘‘अंदाज’’ जैसे गत निकास, घूंघट की गत, कोदऊ सिंह की एक ‘‘चीज’’ पेश की। सावन का महीना मेघमल्हार के बिना कैसे हो सकता है, तो कविता छंद स्वरूप बंदिस ‘‘उमड-घुमड़ घि आई बदरवा’’ से अपनी प्रस्तुति की समाप्ति की। सुश्री शांभवी में नृत्य ने प्रत्येक को रोमांचित कर दिया। आपके साथ तबले पर श्री मोहित गंगानी, सितार पर सुश्री स्मिता बाजपेयी ने संगत की तथा गायन  ब्रजेश मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने कलाकारों का शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। पुलिस अधीक्षक बीरेंद्र कुमार  सिंह ने इस कार्यक्रम को सम्बोधित भी किया। 
    कार्यक्रम के प्रारंभ में पुलिस अधीक्षक  सिंह का आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अरूण बोडा ने किया।

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